वीं टेम ईसू भीड़ऊँ क्यो, “कई थाँ तरवाराँ अन लठ लेन मने चोर का जस्यान पकड़बा का वाते आया हो? मूँ हरेक दन रोज मन्दर में बेटन उपदेस दिया करतो हो, तद्याँ तो थाँ मने ने पकड़्यो।
पछे ईसू वीं जगाँ ने छोड़ दिदी अन यहूदियाँ का हिमाड़ा में यरदन नंदी का ईं पाल्डे आग्या। भीड़ च्यारूँमेरऊँ वाँका नके आबा लागी अन वो रोज उपदेस देतो, वस्यान देबा लागो।
काँके मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, यो ज्यो सास्तर में लिक्यो हे के, ‘वो अपरादिया का हाते गण्यो ग्यो।’ या बात मारा में पुरी वेणी घणी जरूरी हे, काँके अबे ईं बात के वेबा की टेम आगी हे।”