47 तो ईसू को एक चेलो, ज्यो वाँका नके ऊबो हो, आपणी तरवार निकाळन मायाजक का एक नोकर पे चला दिदी, जींऊँ वींको कान्दड़ो कटग्यो।
पछे वाँकाणी ईसू ने पकड़न बन्दी बणा दिदा।
पछे ईसू वाँने क्यो, “कई, मूँ अपरादी हूँ? ज्यो थाँ मने लाट्याँ-तलवाराँ लेन पकड़बा आया हो।