38 जागता रेवो अन परातना करो, जींऊँ थाँ कस्यी भी जाँच-परक में ने पड़ो। आत्मा तो त्यार हे, पण सरीर घणो दुबळो हे।”
“ईं वाते थें भी जागता रो, काँके थाँ ने जाणो हो के, थाँको परबू कणी दन अई जावे।
तो पछे ईसू क्यो, “ईं वाते हेंचेत रेवो, काँके थाँ ने तो वीं दन ने जाणो हो, ने वीं टेम ने, जद्याँ मनक को पूत आई।”
जागता रेवो, अन परातना करता रेवो के, ताँके थें जाँच-परक में ने पड़ो। आत्मा तो त्यार हे, पण सरीर दुबळो हे।”
माँने अस्यी तागत देज्यो ताँके, माँ हारी तरिया की परक को सामनो कर सका, अन माने बुरईऊँ बचावो। काँके राज अन तागत अन मेमा हमेस्यान थाँकीस हे।’” आमीन।
वे वाँने क्यो, “मारा मन में घणो दुक हे, जींऊँ मारो जीव निकळबा में हे। थें अटे रुको अन जागता रेवो।”
पछे वो पाछो आयो, तो आपणाँ चेला ने हुता देकन पतरसऊँ क्यो, “समोन, थूँ हूँरियो हे? कई थूँ एक घड़ी भी ने जाग सक्यो?
अन ईसू पाछो परोग्यो अन वईस बात लेन परातना करबा लागो।
ईं वाते जागता रो अन हरेक टेम परातना करता रेवो, ताँके थाँ अणा हारी आबावाळी आपतीऊँ बचन अन मूँ मनक का पूत का हामें ऊबा रेवा के जोगा बण सको।”
वणी जगाँ जान वणी चेलाऊँ क्यो, “परातना करो के, थाँने परक में ने पड़णो पड़े।”
तो ईसू वाँकाऊँ क्यो, “अरे हुई काँ रिया हो? उटो अन परातना करो, ताँके थाँ परक में ने पड़ो।”
थाँ ध्यानऊँ रेज्यो अन विस्वास में गाटा बण्या रेज्यो, थाँ हिम्मत राकबावाळा अन तागतवर बणज्यो।
काँके देह का मरजी अन पुवितर आत्मा एक-दूँजा के खिलाप हे अन आपस में बेरी हे। ईं वाते ज्यो थाँ करणा छावो हो, वो ने कर सको हो।
ईं वाते ओ मारा लाड़ला भायाँ, जद्याँ मूँ थाँका हाते हो वीं दाण जस्यान थाँ मारी आग्या हरदाण मानता हा वस्यानीस अबे भी जदी मूँ छेटी हूँ वणीऊँ हेली आग्या मानता रेवो। थाँकी मुगती ने पुरी करबा का वाते, दरपता अन धूँजता तका मेनत करता रो।
थाँ हूँस्यार रेवो अन जागता रेज्यो, काँके थाँको दसमण सेतान दहाड़ करबावाळो नार की जस्यान ईं भाळ में हे के, वो थाँने फाड़न खावे।
काँके थाँ धीरजऊँ मारा हुकम पे चालता रिया हो, ईं वाते जद्याँ ईं धरती का मनकाँ ने परकबा का वाते अबकी टेम आई, तो मूँ थने बंचाऊँ।