37 पछे वो पाछो आयो, तो आपणाँ चेला ने हुता देकन पतरसऊँ क्यो, “समोन, थूँ हूँरियो हे? कई थूँ एक घड़ी भी ने जाग सक्यो?
जद्याँ बींद का आबा में थोड़ीक देर वेगी, तो वीं हारई ऊँगवा लागी अन हूँई गी।
पछे वो वाँका चेला का नके आन वाँने हुता देक्या अन पतरसऊँ क्यो, “कई थाँ मारा हाते एक घड़ी भी ने जाग सक्या?
पछे वो बोल्यो, “बापू, ओ मारा बापू! थाँरा वाते हारोई काम होरो हे। ईं दुक का प्याला ने माराऊँ छेटी कर दे। पण ज्यो मूँ छाऊँ वो ने, पण ज्यो थूँ छावे वोईस कर।”
जागता रेवो अन परातना करो, जींऊँ थाँ कस्यी भी जाँच-परक में ने पड़ो। आत्मा तो त्यार हे, पण सरीर घणो दुबळो हे।”
ईं वाते वींका आड़ी चेतो देता रो, काँके वणी वींका खिलाप में किदा ग्यो, पाप्याँ को विरोद ने ईं वाते सेण किदो, ताँके आपीं चन्ता ने कराँ अन थाकन हिम्मत ने छोड़ा।