पछे थोड़ाक आगे जान वे धरती पे उन्दो पड़न परातना किदी, “ओ मारा बाप, यद्याँ वे सके तो या दुक को प्यालो माराऊँ छेटी वे जावे, तो भी मूँ छावूँ जस्यान ने, पण जस्यान थूँ छावे वस्यानीस वेवे।”
तद्याँ ईसू चेला का नके आन वाँकाऊँ क्यो, “कई थाँ आलतरे भी हुता हो? अन रईम्बो लेरिया हो? देको, टेम आग्यो हे, मनक को पूत पाप्याँ का हाताँ में पकड़वायो जावे हे।
वो तीजी दाण पाछो आन वाँने क्यो, “कई, थें अबाणू भी हुता अन रियाम्बो लेरिया हो? बेस, वा घड़ी आ पूगी हे, जदी मनक को पूत(ईसू) धोकाऊँ पकड़ान पाप्याँ का हाताँ में हूँप्यो जाई।
ईसू अणी धरती का जीवन में ज्यो वींने बंचा सकतो हो, वणीऊँ जोरऊँ हाको करतो तको अन रोते तके अरज अन परातना किदी ही अन नमरता अन भगती का मस वींकी हुण लिदी गी ही।