तद्याँ वणा मनकाँ ने क्यो के, रेटे बेट जावो अन वणा पाँच रोट्याँ अन दो माछळ्याँ लिदी अन हरग का आड़ी देकन धन्नेवाद दिदो अन रोट्याँ का कवा करन चेला ने दिदी चेला वाँने मनकाँ में बांट दिदी।
मनक का पूत ने तो मरणोइस हे, जस्यान वाँका वाते लिक्यो हे, पण ज्यो मनक का पूत ने पकड़ाई, वींका वाँते घणी दुक बात वेई। वीं मनक के वाते आ बात घणी हव वेती, जदी वो जनमई ने लेतो।”
अन ईसू पाँच रोट्याँ अन दो माछळ्याँ उठान हरग के दयने देकन परमेसर ने धन्नेवाद दिदो अन रोट्याँ तोड़-तोड़न आपणाँ चेला ने परोसबा ने दिदी अन वणा वीं दो माछळ्याँ भी वाँ मनकाँ में बाँट दिदी।