पसे ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जद्याँ में थाँने बना बटवा, जोळी अन बना पगरख्याँ के खन्दाया हा। तो कई थाँने कणी भी बात की कमी वी?” वणा क्यो, “कणी भी बात की कमी ने वी।”
पण में ईं बाताँ ईं वाते थाँने क्यो के, जद्याँ अणाको टेम आई तो थाँने आद आ जई के, में थाँने पेल्याई के दिदो हो। “में सरू में थाँने ईं बाताँ ईं वाते ने किदी, काँके मूँ थाँका हाते हो।