14 पछे जटे भी वो घर मयने जावे, वीं घर का मालिक ने केज्यो, ‘गरुजी क्यो हे जीमणा वाते माँको ओवरो कटे हे, जटे मूँ आपणाँ चेला की लारे फसे का तेवार को जीमणो कर सकूँ।’
अन जदी ईसू निकळन गेला में जारिया हा, तो एक मनक वाँका आड़ी दोड़तो तको आयो, अन वाँका हामे गोडा टेकन क्यो, “ओ हाँचा गरुजी, अनंत जीवन पाबा का वाते मने कई करणो छावे?”