काँके मूँ भी एक अस्या मोटा अदिकारी की दबियादारी में काम करूँ हूँ अन मारा रेटे भी सिपाई हे। जद्याँ मूँ एक सपईऊँ केवूँ हूँ, ‘जा’ तो वो चाल्यो जावे हे अन दूजाऊँ केवूँ, ‘आ’ तो वो आ जावे हे। मूँ मारा दासऊँ केवूँ के ‘यो कर’, तो वो वोईस काम करे हे।”
बना हाज्या की रोट्याँ का तेवारऊँ पेलो दन जदी गारा का उनन्या ने फसे खाबा की बली चड़ावे, वीं दन चेला ईसू ने पूँछ्यो, “थूँ कई छावे हे, आपाणी कटे जान खाबा के वाते फसे को जीमणो बणावा।”
पछे जटे भी वो घर मयने जावे, वीं घर का मालिक ने केज्यो, ‘गरुजी क्यो हे जीमणा वाते माँको ओवरो कटे हे, जटे मूँ आपणाँ चेला की लारे फसे का तेवार को जीमणो कर सकूँ।’