“आपणाँ वाते खुद हेंचेत रेवो। वे मनक थाँने पकड़न कोरट में पेस केरी अन पछे थाँने वाँका परातना घर में मारी कुटी अन मारा वाते थाँने हाकम अन राजा के आगे ऊबो वेणो पेड़ी। ईंऊँ थाँ वाँने मारो हव हमच्यार हुणा सको।
वाँका मूँ अगबुस नाम को एक परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो ऊबो वेन परमेसर की आत्माऊँ आ आगली बतई के, आकी दनियाँ में काळ पड़बा वाळो हे, जो कलोदियुस की टेम में पड़्यो।
जद्याँ मनक केरिया वेई के, “हारोई हव हे अन कई दरपणी ने हे,” वणी दाण एकदम परकोप आ पड़ी जस्यान जापा वाळी लुगई पे दुक वेवे हे। वीं कणी भी तरियाऊँ बंच ने सकी।
तो एक ओरी घोड़ो निकळ्यो वींको लाल रंग हो अन वींके ऊपरे जो सवार हो, वींने ओ हक दिदो ग्यो हो के, वो धरती पे मनकाँ में एक-दूँजा की हत्या करावे अन वाँकी सक सान्ती लिले। वींने एक तरवार भी दिदी गी ही।