हूँस्यार रेज्यो, कुई थाँने अकलऊँ अन धोकाऊँ आपणाँ गुलाम ने बणा ले, ज्यो मनकाँ का रिति-रिवाजऊँ अन दनियाँ की बाताँ के जस्यान तो हे, पण ईसू मसी के जस्यान कोयने।
काँके वो दन जद्याँ तईं ने आवे तद्याँ तईं आकरी विरोद ने जावे अन पाप को मनक परगट ने वे जावे, जिंने परमेसर नास करी, ईं वाते किंके भी अन किंकी ठग-वद्याँ में मती आ जाज्यो।
हो मारा प्यारा भायाँ, हरेक आत्मा को विस्वास मती करो, पण हरेक आत्माने परको के, वाँ परमेसर का आड़ीऊँ हे के ने। मूँ यो थाँकाऊँ ईं वाते केरियो हूँ, काँके नरई जूटा परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा ईं दनियाँ में हे।