मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ के, ज्यो अटे ऊबा हे, वाँका मूँ कुई अस्या हे के, वीं जद्याँ तईं मनक का पूत ने वींका राज में आता तका ने देक लेई, जद्याँ तईं वाँने मोत ने आई।”
अन पछे ईसू वाँने क्यो, “मूँ थाँने हाँची बात केऊँ, वटे ज्यो ऊबा हे, वींमें कुई अस्या हे, ज्यो परमेसर का राज ने सगतिऊँ आता तका देक ने लेई, वतरे आपणी मोतने ने देकी।”