काँके जूटा मसी अन जूटा मनक परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा आई। वे अस्या अस्या गजब का परच्या बतई अन अस्या अचम्बा में नाकबा का काम करी के, वे सके तो वे परमेसर का चुण्या तका लोगाँ ने भी डापा में नाक देई।
“आपणाँ वाते खुद हेंचेत रेवो। वे मनक थाँने पकड़न कोरट में पेस केरी अन पछे थाँने वाँका परातना घर में मारी कुटी अन मारा वाते थाँने हाकम अन राजा के आगे ऊबो वेणो पेड़ी। ईंऊँ थाँ वाँने मारो हव हमच्यार हुणा सको।
ईं वाते हो भायाँ, थाँ पेल्याँऊँ अणा बाताँ ने जाणो हो, ईं वाते थाँ ध्यानऊँ रेज्यो, ताँके थाँ पापी मनकाँ की बाताँ में आन वाँकी बुरी चाला में ने फसन आपणाँ गाटापणा ने खोवो।