14 “तद्याँ थें ‘उजाड़ करबावाळी अबकी चिजाँ ने’, जटे ने वेणी छावे, वटे ऊबी देको। (भणबावाळा हमज ले ईंको कई मतलब हे) जदी ज्यो मनक यहूदियाँ देस में वेई, वींने मंगरा में भाग जाणो छावे।
ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “कई थाँ ईं हारी बाताँ हमज्या?” वणा क्यो, “हाँ।”
हो विस्वासी भायाँ थाँ थाँकी होच-हमज में बाळक मती बणो। बुरो करबा का वाते तो बाळक बण्या तका रेवो पण होच-हमज में हमजदार बणो।
वीं मनक धन्न हे जीं परमेसर का ईं दरसावा की किताब का संदेसा ने भणे अन हुणे अन ईंका मयने जो बाताँ लिकी तकी हे, वाँके जस्यान चाले हे। काँके वाँ टेम नके हे, जद्याँ ईं बाताँ पुरी वेई।
जिंमें अकल हे, वो वीं जनावर की संख्या ने जोड़ी ले, काँके ईं कणी मनक का नम्बर हे, ईं नम्बर 666 हे।