“मारा परम बापू मने हारोई हूँप्यो हे, परमेसर के अलावा कुई बेटा ने कोयने जाणे हे, अन ने कुई बेटा के अलावा परमेसर ने जाणे हे, पण अबे वीं मनक परमेसर ने जाणे हे जाँने बेटो बतावे हे।
वाँ पछे तीजा हाळी ने वाँका नके खन्दायो, जिंने भी वाँकाणी मार नाक्यो। अस्यान दूजाँ हारई हाळयाँ ने खन्दाया, जीमूँ वाँकाणी किंने तो कुट्या अन किंने तो नेमी मार नाक्या।
वे हिंजारिया एक-दूँजा ने क्यो, ‘ओ तो वींको छोरो हे, ज्यो हकदार बेणी। आवो, आपाँ ईंने भी मार नाका, तो पछे ईंका मरयाँ केड़े ईंकी जमीं-जादाद हारोई आपणो वे जाई।’
ईं वाते हाराई लोग-बाग जस्यान परमेसर को आदर-मान करे हे वस्यानीस मारो भी आदर-मान केरी। ज्यो मारो आदर-मान ने करे हे, वीं वणा परमेसर को भी आदर-मान ने करी, जणा मने खन्दायो हे।