4 पछे वणी बाग को मालिक दूजाँ हाळी ने वाँका नके खन्दायो। वाँ हिंजारिया वींको घणो माजणो बगाड़यो अन वींको मातो फोड़ नाक्यो।
पण, वाँकाणी वीं हाळी ने पकड़न कुट्यो अन रिता हात पाछो नवाड़ दिदो।
वाँ पछे तीजा हाळी ने वाँका नके खन्दायो, जिंने भी वाँकाणी मार नाक्यो। अस्यान दूजाँ हारई हाळयाँ ने खन्दाया, जीमूँ वाँकाणी किंने तो कुट्या अन किंने तो नेमी मार नाक्या।
पसे वणी एक दूजाँ नोकर ने खन्दायो अन वणा वींने भी कूटन वींको अपमान करन खाली हातई पाछो खन्दा दिदो।