“ओ मारा भई अन बेना, ईसू ने बंदी बणाबावाळा ने गेलो बताबावाळो यहूदो, जिंका बारा में सास्तर में लिक्यो हे, जो दाऊद का मुण्डाऊँ पुवितर आत्मा नरई दनाँ पेल्याँई के दिदो हो, वाँ बात पुरी वेणी जरूरी ही।
ईं वाते परमेसर पछे एक खास दन ने ठेरान अन वींको नाम दिदो, “आज” थोड़ाक वरा केड़े दाऊदऊँ परमेसर वीं दन का बारा में सास्तर में बतायो हे, जिंका बारा में पेल्याँ क्यो हो के, “यद्याँ थाँ आज परमेसर की अवाज हुणो, तो आपणाँ मन ने गाटो मती करज्यो।”
अन वीं परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा मसी की आत्माऊँ यो भी जाणे हे के, मसी पे दुक आबावाळो हे अन वणी दुक का केड़े वींकी मेमा भी वेई। वाँ आत्मा वाँने बतावे हे के, ईं बाताँ कदी वेई अन तद्याँ ईं दनियाँ को कई वेई।