20 एकदाण की बात हे एक जगाँ हात भई हा। हारऊँ मोटे भई ब्याव किदो अन बना छोरा-छोरी वींयाईं मरग्यो।
“ओ गरुजी, मूसे ओ नेम लिक्यो हे, ‘जदी किंको भई मर जावे अन वींकी लुगई के छोरा-छोरी ने वे, तो वींका भई वींऊँ ब्याव करले अन पछे आपणाँ भई का बंस ने आगे बड़ावे।’
पछे दूजे भई भी वींकी लुगईऊँ ब्याव किदो, पण वो भी बना छोरा-छोरी मरग्यो। तीजे भई भी अस्यानीस किदो।