ईसू केणी में वाँने केबा लागो, “एक मनक अंगूरा को एक बाग लगायो अन वींके च्यारूँमेर हड़ो किदो। पछे अंगूरा को रस निकाळबा के वाते गाणी अन रुकाळी का वाते डागळो बणायो, अन हिंजारिया ने हिजारे देन जातरा पे परोग्यो।
जद्याँ हाँक की टेम अई, तो वणी मनक हिंजारिया का नके एक नोकर ने खन्दायो के, वो बाग का फळा को भाग वींने दी देवे पण, वणा हिंजारिया वींने कुट्यो अन खाली हातई पाछो खन्दा दिदो।