18 पछे कुई सदुकी मनक मरबा का पछे जीवतो उठबा में विस्वास ने करता हा। वीं वाँका नके आया अन वाँकाणी वाँने पूँछ्यो,
वणा अस्यान केन हाँच को गेलो छोड़ दिदो के, आपणाँ ने पाछो जीवन पेल्याँई मलग्यो हे, नरई विस्वास्याँ का विस्वास को नास कर देवे हे।