13 थोड़ाक छेटी वाँने एक अंजीर को हरियो-भरियो रूँकड़ो नजर आयो। तो वीं फळ पाबा की आस में रूँकड़ा के भड़े ग्या, पण वाँने वटे पान्दड़ाइस दिक्या, काँके अंजीर का फळ लागबा की टेम कोयने ही।
हड़क का आड़ी वणी एक अंजीर को रूँकड़ो देकन वो वींका भड़े ग्यो, तो वींने पान्दड़ा ने छोड़ वींमें ओरू कई ने मल्यो। तो ईसू रूँकड़ा ने क्यो, “अबे थाँरे में कदी कई फळ ने लागी।” अन वो रूँकड़ो तरत हुकग्यो।