काँके जद्याँ परमेसर ईं जग ने बणायो हो, तद्याँऊँ वाँका ने दिकबावाळा गुण मतलब अनंत सगती अन परमेसर का हभाव देक्या जावे हे, परमेसर ज्यो कई बणायो हे वणा चिजाँऊँ वीं परमेसर ने साप साप जाणे हे। ताँके मनकाँ का नके कई आळको ने वेवे।
अन केई के, “अरे कई व्यो ईसू मसी के पाच्छे आबा का वादा को? काँके आपणाँ बड़ाबा तो मरग्या। अन जद्याँऊँ ईं धरती की रचना वीं हे, तद्याँऊँ आ धरती वस्यान की वस्यान चालती आरी हे।”