48 नरई लोगाँ वींने छानो रेवा का वाते तापड़्यो, पण वो ओरी ज्योरऊँ केबा लागो, “ओ दाऊद का पूत, मारा पे दया कर।”
तद्याँ लोग-बाग छोरा-छोरी ने ईसू नके लाया के, वो वाँपे हात मेले अन वाँका वाते परातना करे, पण चेला वाँके डाट-फटकार मेली।
लोग-बाग वाँने तापड़ता तका क्यो, छाना रेवो, पण वीं ओरू भी ज्योराऊँ हाका-भार करन केबा लागा, “ओ दाऊद का वंस, माँकापे दया कर।”
जद्याँ ईसू वटूऊँ आगे जाबा लागो, तो दो आन्दा वाँका पाच्छे वेग्या अन केबा लागा, “हे दाऊद का पूत, माकाँ पे दया करो।”
पछे लोग-बाग ईसू का नके आपणाँ फोरा-फोरा बाळकाँ ने लाया के, वीं वाँका माते हात राक राकन आसिरवाद देवे पण, वींका चेला वाँने तापड़ दिदा।
जद्याँ ईसू बोलइसरिया हा, तद्याँ याईर का घरऊँ कुई मनक आया अन याईरऊँ क्यो, “थारी बेटी मरगी। अबे थूँ गरुजी ने यूँई दुक मती दे?”
जी मनक आगे-आगे जारिया हे, वणा वींने तापड़न क्यो, “छानो रे।” पण, वो ओरू भी कल्ड़ो हाको करबा लागो के, “ओ दाऊद का ओलाद, मारा पे दया कर।”
हरेक तरियाँ की अरज अन विनती का हाते आत्माऊँ हर टेम परातना करिया करो। ईं मस जागता रेवो अन हारई पुवितर लोगाँ का वाते हरदाण अरज करता रेवो।
ईसू अणी धरती का जीवन में ज्यो वींने बंचा सकतो हो, वणीऊँ जोरऊँ हाको करतो तको अन रोते तके अरज अन परातना किदी ही अन नमरता अन भगती का मस वींकी हुण लिदी गी ही।