46 पछे वीं यरीहो नगर में आया अन जदी ईसू आपणाँ चेला अन घणी भीड़ के लारे यरीहो छोड़न जारिया हा, तो तिमाई को छोरो बरतिमाई नाम को एक आन्दो भिकारी गेला के एक पाल्ड़े बेटो हो।
बीज वाती दाण थोड़ाक बीज गेला के कनारे पड़्या अन सरकल्या वाँने चगगी।
अन वटे लाजर नाम को एक गरीब दकी मनक हो, ज्यो फोड़ा-फुस्याऊँ अन दकऊँ भरिया तको हो वींने मनक रिप्यावाळा मनक का घर का बारणा पे छोड़ देता हा।
पसे अस्यान व्यो के, वो गरीब दकी मनक मरग्यो अन हरग-दुत वींने अबराम की गोद में बेवाड़ दिदो। अन पछे वो रिप्यावाळो मनक भी मरियो अन वींने गाड़ दिदो।
जद्याँ ईसू यरीहो का नके पूग्या, तो वाँने एक आंदो मनक हड़क का कनारे बेटन भीक मांगतो तको मल्यो।
जद्याँ ईसू यरीहो नगर में वेन जारिया हा।
तद्याँ अड़े-भड़े का लोगाँ अन जणा पेल्याँ वींने भीक मांगतो तको देक्यो हो। वीं केबा लागा, “कई यो वो तो ने हे, ज्यो बेटो तको भीक मांगतो हो?”