44 अन ज्यो थाँकामें सबाऊँ मुक्यो बणबो छावे, वो हाराई को हाळी बणे।
यद्याँ कुई थाँका पे मुकदमो करन थाँको कुरतो भी लेणो छावे, तो थाँ वींने आपणो चादरो भी दे दिज्यो।
पण, थाँकामें अस्यान कोयने हे। पण ज्यो कुई थाँकामूँ मोटो वेणो छावे, वो थाँको दास वणे।
काँके मनक को पूत (ईसू) सेवा कराबाने ने आयो, वो तो सेवा करबा आयो हे अन घणा जणा का छूटकारा का वाते आपणो जीव देबाने आयो हे।”
तो वो बेटग्यो अन बारई चेला ने आपणाँ नके बलाया अन वाँने क्यो, “जदी कुई हारऊँ मोटो बणणो छावे, तो वींने हारऊँ फोरो अन दास बणन रेणो पेड़ी।”
ईंके बजाय वणी हारोई छोड़ दिदो अन एक दास को रूप धारण करन मनक बणग्यो। मनक बणन