40 पण, मारा जीमणा अन डावा पाल्ड़े बेटबा की जगाँ देणी मारो हक को काम कोयने, पण वा जगाँ वणा मनकाँ का वाते हे जिंका वाते ईंने त्यार किदी हे।”
वणी क्यो, “थाँने हरग का राज का भेद की हमज दिदी हे पण अणा लोगाँ ने ने दिदी हे।
ईसू वाँने क्यो, “थें मारो प्यालो पींवो, पण मारी जीमणा पाल्ड़े अन डावा पाल्ड़े किंने बेटाबा को मारो काम कोयने, पण ज्याँका वाते मारा बाप की ओरुँ त्यार किदो ग्यो हे, वाँका वाते हे।”
“तद्याँ राजो आपणी जीमणी पाल्ड़े वाळाऊँ केई, ‘हो मारा बापू का धन्न मनकाँ, आवो, वीं राज का हकदार वे जावो, ज्यो जग का बणावाऊँ पेल्या थाँका वाते त्यार किदो ग्यो हे।
काँके थाँ वींने हाराई मनकाँ का ऊपरे अदिकार दिदो के, ज्याँने थाँ वींने दिदा हे वणा हाराई ने वो अनंत जीवन देवे।
“हो बापू, मूँ छावूँ हूँ के, ज्याँने थाँ मने दिदा हे, वीं जटे मूँ हूँ वटे वीं भी मारा लारे वेवे। ताँके वीं मारी वणी मेमा ने देके ज्यो थाँ मने दिदी, काँके थाँ दनियाँ का बणावाऊँ पेल्याऊँ माराऊँ परेम किदो।
ईसू वाँने क्यो, “वीं मोका अन बगत की पेचाण करणो परमपिता आपणाँ हक में राक्यो हे अन ईं मोका अन बगत ने थाँने जाणबा की जरुरत कोयने हे।
पण वीं तो बड़िया नगर में जाबा की मरजी राके हे, ज्यो हरग हे। ईं वाते वीं परमेसर ने आपणाँ परमेसर केबाऊँ हरम कोनी करे, काँके वणी वाँका वाते एक नगर त्यार करन मेल्यो हे।