33 “देको, आपीं यरूसलेम जारिया हाँ। मनक का पूत ने (ईसू) धोकाऊँ पकड़न मुक्य याजकाँ अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा ने हूँप देई अन वीं वींने मोत को दण्ड देन, ज्यो यहूदी ने हे वाँने हूँप देई।
वीं टेमऊँ ईसू आपणाँ चेला ने बतावा लागो, “जरूरी हे के, मूँ यरूसलेम जऊँ, अन मूसा का नेमा हिकाबावाळा, यहूदी नेता अन मुक्या याजकाँ का हाताऊँ नरई दुक उठाऊँ, अन मार नाक्यो जऊँ, अन तीजे दन पाछो मरिया तका मेंऊँ जी उटूँ।”
जस्यानी भाग-फाट्याँ वणा मुक्य याजकाँ, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा, दाना यहूदी नेता अन हारी यहूदी महासबा एक सला किदी। वे ईसू ने बाँदन लेग्या अन वींने पिलातुस ने हूँप दिदो।
अन वो वाँने हिकाबा लागो, “मनक का पूत(ईसू) ने घणो दुक जेळणो पेड़ी अन पंच, मोटो याजक अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळाऊँ वो भुला दिदो जाई अन हाँची में वो मारियो जाई अन पछे तीजे दन वो मरयाँ तका मूँ जीवतो वे जाई।”
ईसू वाँने क्यो, “हा, हारी बात ने हव करबा वाते एलियो जरुर आई। पण मनक का पूत(ईसू) के वाते यूँ काँ लिक्यो हे के, वींने घणो दुक जेलणो पेड़ी अन मनक वींने नकार देई?
ईसू चेलाऊँ क्यो, “मूँ, मनक का पूत का वाते यो घणो जरूरी हे के, मूँ दुक जेलूँ अन भूण्डा यहूदी नेता, मोटा याजक अन धरम गरू मने नकारन मार देई अन मूँ तीजे दन पाछो जी उटायो जाऊँ।”
तद्याँ वीं ईसू ने केफा का नकेऊँ रोमी राजपाल का दरबार में लेग्या अन भाग-फाट्याँ को टेम हो, पण यहूदी अदिकारी ज्यो वींने लेग्या हाँ वीं खुद दरबार मयने ने ग्या, ताँके असुद ने वेवे, पण फसे का तेवार को खाणो खा सके।
ईसू जवाब दिदो, “यद्याँ परमेसर थाँने मारा पे यो हक ने देता, तो थाँ कई ने कर सकता। तो थारो मारा पे कई हक ने वेतो। ईं वाते जणा मने थाँरा हाताँ में हूँप्यो हे, वीं थाँराऊँ भी हेला पापी हे।”
यरूसलेम में रेबावाळा अन वाँका अदिकारियाँ भी ईसू ने कोयने ओळक्यो अन सबद का हरेक दन हुणाता तका परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा का बचन ने कोयने हमज्या, पण ईसू पे दोस लगान वाँ वसना ने पूरा किदा।