हारई जणा अचम्बा में पड़ग्या अन अतरो अचम्बो व्यो के, वे एक-दूँजा ने पूँछबा लागा, “यो कई हे? यो कई नुवो उपदेस हे? वो हकऊँ हुगली आत्माने आदेस देवे अन वा आत्मा वींने भी माने हे।”
हो मारा प्यारा बाळकाँ, थाँ परमेसर का हो। ईं वाते थाँ जूटा परमेसर की आड़ीऊँ बोलबावाळाऊँ जितग्या हो। काँके थाँका मयने वो परमेसर वास करे हे वीं ईं दनियाँ में रेबावाळा सेतानऊँ जोरावर हे।