यद्याँ वाँ आपणाँ धणी का जीवता रेताई कणी दूजाँ मनक का हाते वेवार करले, तो वाँ कुकरमी केवावे हे पण यद्याँ वींको धणी मरी जावे तो, ब्याव का नेम वींपे लागू ने वेवे हे अन पछे यद्याँ वाँ कणी दूजो का हाते नातो करले, तद्याँ भी वाँ कुकरमी ने केवावे हे।
ब्याव को हाराई ने मान करणो छावे। लोग-लुगई एक-दूँजा का वाते वफादार रेवो। काँके दूजाँ का हाते गलत वेवार राकबावाळा लोग-लुगई ने अन कुकरम करबावाळा ने परमेसर सजा देई।