मूँ तो थाँने मन फेरबा का वाते पाणीऊँ बतिस्मो दूँ हूँ पण वीं ज्यो मारा केड़े आबावाळो हे, वो माराऊँ भी हेलो मोटो हे। मूँ तो वाँका पगरख्याँ का कसणा खोलबा के जोगो भी ने हूँ। वो थाँने पुवितर आत्मा अन वादीऊँ बतिस्मो देई।
“‘परमेसर केवे के अन्त की टेम में अस्यो वेई के, मूँ आपणी आत्मा हारई मनकाँ में नाकूँ, थाँका बेटा-बेटी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा लाग जाई, थाँका मोट्यार मनक दरसावो देकी, अन भूण्डा-ठाड़ा लोग-बाग हपनो देकी।