42 अन वींने तरत कोड़ऊँ छुटकारो मलग्यो अन वो पुरी तरियाऊँ हव वेग्यो।
ईंपे ईसू वींने जवाब दिदो, “हे नारी, थाँरो विस्वास मोटो हे। जस्यान थूँ छावे हे, थाँरा वाते वस्यानीस वेवे।” अन वींकी छोरी वणीस दाण हव वेगी।
तो ईसू वाँका नके ग्या अन हात पकड़न वाँने बेटा किदा, तो तरत वाँको ताव उतरग्यो अन वीं वाँकी सेवा-चाकरी करबा लागग्या।
वींने वींका पे दया अई अन वणा आपणो हात लाम्बो करन वींके अड़ायो अन क्यो, “मूँ छावूँ के, थूँ हव वेजा।”
ईसू वींने कड़ी चेतावणी देन क्यो, “देक, ईं बात का बारा में थूँ दूजाँ ने मत बताज्ये, पण याजक का नके जा अन आपणे आप ने बतान मूसा का नेमाऊँ आपणे सुद वेबा की भेंट चड़ाज्ये, ताँके दूजाँ ने भी थारे हव वेबा को सबूत मल सके।” पछे ईसू वींने पगईं खन्दा दिदो।
अन पछे तरत वींके परदा की मांदकी हव वेगी अन वींने आपणाँ डील में अस्यान मेसूस व्यो के, वींको रोग हव वेग्यो हे।
थाँ तो वणा बचनाँने मानबा का मस ज्यो में थाँकाऊँ क्यो हे पेल्याऊँ साप हो।