39 तो अस्यान वीं गलील में हंगळी जगाँ यहूदियाँ का परातना घर में परच्यार करता अन मनकाँऊँ हुगली आत्माने बारणे निकाळता रिया।
ईसू हाराई गलील देस में यहुदया का परातना घर में हरग का राज को हव हमच्यार को उपदेस देतो अन तरे-तरे का रोगा ने हव करतो तको फरबा लागो।
ईसू हारई नगराँ अन गामाँ में जाता अन वाँका परातना घर में हिकाता रिया अन परमेसर का राज का हव-हमच्यार को परच्यार करता रिया अन हारी मांदकी अन कमजोरियाँ ने छेटी करता रिया।
अन वे हंगळा कफरनूम नगर में ग्या, पछे आगले आराम के दन ईसू यहूदियाँ का परातना घर में पूग्या अन मनकाँ ने उपदेस हुणाबा लागा।
वटे वीं यहूदी परातना घर में एक अस्यो मनक भी हो, जिंमें हुगली आत्मा धस्यी तकी ही, तो वो जोरऊँ हाको करन बोल्यो,
पण ईसू वाँने क्यो, “आपाँने अड़े-भड़े का गामाँ में भी जाणो छावे, अन वटे भी परच्यार करा, काँके मूँ ईं काम वातेईस आयो हूँ।”
एक दाण पछे ईसू यहूदी लोगाँ का परातना घर में ग्या, वटे एक जणो हो, जिंको हात में लकवो व्यो तको हो।
लोगाँ ने विस्वास ने करता देकन ईसू ने घणो अचम्बो व्यो। पछे ईसू गामाँ में ग्यो अन च्यारूँमेर उपदेस देतो रियो।
तो वा घरे परीगी अन आपणी बेटी ने माचा पे हुती तकी देकी। हुगली आत्मा वींऊँ बारणे निकळगी ही।
हुगली आत्मा घणा जणा मेंऊँ ओ हाँको करती तकी यु बोलती तकी निकळी, “थूँ परमेसर का पूत हे।” पण ईसू वाँने तापड़न वाँने बोलबा ने दिदी, काँके वीं जाणती ही के, “ईसूइस मसी हे।”