33 गाम का हारई मनक वाँका घर का बारणे आग्या।
अन वे हंगळा कफरनूम नगर में ग्या, पछे आगले आराम के दन ईसू यहूदियाँ का परातना घर में पूग्या अन मनकाँ ने उपदेस हुणाबा लागा।
वाँ घणा जणा ने नरी मांदकीऊँ हव किदा अन नरई जणा मूँ हुगली आत्माने बारणे काड़ी। ईसू वणा आत्माने कई ने केबा दिदो, काँके वी वाँने जाणती ही।
यहूदी परदेस अन यरूसलेम नगर का नरई मनक वींका नके उपदेस हुणबा वाते ग्या। जणा आपणाँ पाप ने मान लिदा वाँने वणी यरदन नंदी में बतिस्मो दिदो।
आगले सबत के दन तो हारई नगर का मनक परमेसर का बचन हुणबा के वाते भेळा वेग्या।