25 तो ईसू वींने तापड़न क्यो, “छानी रे अन ईंमूँ बारणे निकळजा।”
अन वाँकी आक्याँ खलगी। ईसू वाँने चेताते तके क्यो, “ध्यान राकज्यो, ईं बाताँ का बारा में किंने पतो ने चालणो छावे।”
“हे, नासरत का ईसू, थूँ मारा नकूँ कई छावे हे? कई, थूँ मारो नास करबा ने आयो हे? मूँ थाँने जाणूँ हूँ के, थूँ कूण हे, थूँ परमेसर को पुवितर मनक हे।”
पछे वा हुगली आत्मा वीं मनक ने धधूणियो अन जोरको हाको करन बारणे निकळगी।
वाँ घणा जणा ने नरी मांदकीऊँ हव किदा अन नरई जणा मूँ हुगली आत्माने बारणे काड़ी। ईसू वणा आत्माने कई ने केबा दिदो, काँके वी वाँने जाणती ही।
जदी ईसू देक्यो, मनकाँ की भीड़ वाँका उपरातळी पड़री ही, तो वाँकाणी हुगली आत्माने हुकम दिदो, “हे छोरा ने बेरो-गूँगो करबावाळी आत्मा, मूँ थने केऊँ हूँ, ईंऊँ बारणे निकळजा अन पाच्छी ईंमें मत धसज्ये।”
ईसू वींने तापड़न क्यो, “छानो रे, अन अणी मनकऊँ बाणे निकळजा।” वणी हुगली आत्मा वींने हाराई मनकाँ हामे रेटे पटक्यो अन वींके कई नकसाण ने किदो अन वींमूँ बारणे निकळगी।
हुगली आत्मा घणा जणा मेंऊँ ओ हाँको करती तकी यु बोलती तकी निकळी, “थूँ परमेसर का पूत हे।” पण ईसू वाँने तापड़न वाँने बोलबा ने दिदी, काँके वीं जाणती ही के, “ईसूइस मसी हे।”
वाँ पोलुस अन माँके पाच्छे आन हाको करबा लागी के, “ईं मनक परम-परदान परमेसर का भगत हे, जो थाँने बंचाबावाळो गेलो बतावे हे।”