23 वटे वीं यहूदी परातना घर में एक अस्यो मनक भी हो, जिंमें हुगली आत्मा धस्यी तकी ही, तो वो जोरऊँ हाको करन बोल्यो,
“जद्याँ हुगली आत्मा मनक मूँ निकळ जावे हे, तो हून्नी जगाँ में रईम्बो का वाते जगाँ होदती रेवे हे अन वींने जगाँ ने मले हे,
वाँका उपदेस हुणन लोग-बाग घणा अचम्बा में पड़ग्या, काँके वे मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा के जस्यान ने, पण हकऊँ उपदेस देरिया हा।
“हे, नासरत का ईसू, थूँ मारा नकूँ कई छावे हे? कई, थूँ मारो नास करबा ने आयो हे? मूँ थाँने जाणूँ हूँ के, थूँ कूण हे, थूँ परमेसर को पुवितर मनक हे।”
पछे ईसू अन वींका चेला परातना घरऊँ निकळन याकूब अन यहुन्ना की लारे समोन अन अन्दरियास का घरे ग्या।
वाँ घणा जणा ने नरी मांदकीऊँ हव किदा अन नरई जणा मूँ हुगली आत्माने बारणे काड़ी। ईसू वणा आत्माने कई ने केबा दिदो, काँके वी वाँने जाणती ही।
तो अस्यान वीं गलील में हंगळी जगाँ यहूदियाँ का परातना घर में परच्यार करता अन मनकाँऊँ हुगली आत्माने बारणे निकाळता रिया।
जद्याँ ईसू नावऊँ बारणे आया, तो तरत एक मनक कबराऊँ निकळन वाँका नके आयो, जिंमें हुगली आत्मा ही।
जद्याँ एक लुगई, जिंकी छोरी में हुगली आत्मा धस्यी तकी ही, वा ईसू का बारा में हुणन, जट वींका नके अई अन वींका पगाँ पड़गी।
जदी ईसू देक्यो, मनकाँ की भीड़ वाँका उपरातळी पड़री ही, तो वाँकाणी हुगली आत्माने हुकम दिदो, “हे छोरा ने बेरो-गूँगो करबावाळी आत्मा, मूँ थने केऊँ हूँ, ईंऊँ बारणे निकळजा अन पाच्छी ईंमें मत धसज्ये।”