अन आपणाँ नगर नासरत में आन यहूदी परातना घर में अस्यो उपदेस देबा लागो के, मनक अचम्बा में पड़न केबा लागा, “ईंने अस्यी अकल अन तागत का काम करबा की सगती कटूँ मली?
आपाँ वणा काम ने जणीऊँ हरम आवे हे, वाँने कोयने कराँ हाँ। अन ने आपाँ कपट राका हाँ अन नेई आपाँ परमेसर का बचन में गाल-गसोळ करा हाँ। पण आपाँ तो हाँच ने खुला रूपऊँ लोगाँ का हामे बतावा हाँ अन परबू का हामे खुद खरा बणा हाँ।