5 हेलो हेल कई हे? यो केणो के ‘थाँरा पाप माप वेग्या’ कन ओ केणो ‘उठ, अन परोजा?’
लोग-बाग एक माँदा ने माचा पे हुवाण वाँके नके लाया, ईसू वाँका विस्वास ने देकन वणी लकवा का माँदा मनकऊँ क्यो, “बाळक हिम्मत राक, थाँरा पाप माप वेग्या हे।”
अणीऊँ थाँ ओ जाण सको हो के, ईं धरती पे पापाँ की मापी देबा को अदिकार मनक का पूत ने भी दिदो ग्यो हे।” पछे ईसू लकवा का माँदा मनकऊँ क्यो, “ऊबो वे, आपणो माचो उठान घरे परोजा।”
वाँका ईं विस्वास ने देकन ईसू लकवा का माँदा मनक ने क्यो, “ए मारा बेटा, थाँरा पाप माप वेग्या।”
वींको विस्वास देकन ईसू वणी लुला मनकऊँ क्यो, “हे भई, थाँरा पाप माप वेग्या।”
तद्याँ ईसू वीं लुगईऊँ क्यो, “थाँरा पाप माप वेग्या हे।”
काँके ईसू का नाम पे विस्वास करबा का मसऊँ यो मनक ताकड़े वेग्यो, जिंने थाँ देकरिया हो अन जाणो हो। हाँ, ईं मनक का विस्वासऊँ यो मनक थाँका हामे पुरी तरियाँ हव व्यो हे।”
पतरस वींने क्यो, “एन्यास, ईसू मसी थने हव करी, ऊबो वे अन आपणो वसाणो हामट” तो वो तरत ऊबो वेग्यो।