28 जद्याँ वो घर में पूग्यो, तो वीं आन्दा वाँका नके आया अन ईसू वाँकाऊँ क्यो, “कई थाँने विस्वास हे के, मूँ यो कर सकूँ हूँ?” वाँकाणी क्यो, “हाँ, मालिक।”
वणीस दन ईसू आपणाँ चेला की लारे समन्द का कनारे जान बेटग्यो अन उपदेस देबा लागग्यो।
तद्याँ ईसू भीड़ ने छोड़न घरे पराग्या अन वाँका चेला वाँका नके आन क्यो, “चारा की केणी को अरत माँने हमजा।”
अन ईसू वटे वाँके विस्वास ने करबा का मस नरई अचम्बा का काम ने किदा।
जद्याँ ईसू पतरस का घरे आया तो देक्यो के, पतरस का हवजी ने ताव आरियो जणीऊँ वीं माचा में हुता हा।
अन देको, वटे एक कोड़यो मनक वाँका नके आन धोग देन क्यो, “हो परबू मूँ जाणूँ हूँ के, थाँ मारो कोड़ मटा सको हो।”
ईसू पाछो फरन वींने देकी अन क्यो, “हे बेटी हिम्मत राक, थारे विस्वास थने हव कर दिदी हे।” वाँ लुगई वणीस दाण एकदम आपणी मादंगीऊँ हव वेगी।
जद्याँ ईसू वटूऊँ आगे जाबा लागो, तो दो आन्दा वाँका पाच्छे वेग्या अन केबा लागा, “हे दाऊद का पूत, माकाँ पे दया करो।”
तद्याँ ईसू वाँकी आक्याँ के हात अड़ान क्यो, “थाँको विस्वास जस्यो हे वस्यानीस थाँका वाते वेवे।”
अन ज्यो कुई जीवतो हे अन मारा पे विस्वास करे हे, वो कदी ने मरी। कई थूँ मारा पे विस्वास करे हे?”
ईसू वींने क्यो, “कई में थने ने क्यो हो के, यद्याँ थूँ विस्वास करी, तो परमेसर की मेमा ने देकी?”
वो मनक पोलुस ने बाताँ करतो तको हुणरियो हो, पोलुस वींका आड़ी देक्यो अन होच्यो के, ईंमें हव वेबा को विस्वास हे।