21 काँके वाँ आपणाँ मन में ओ बच्यार कररी ही के, “यद्याँ मूँ वींका गाबा का भी अड़ जाऊँ तो मूँ हव वे जाऊँ।”
अन वाँकाऊँ परातना करबा लागा के, वो वाँने आपणाँ गाबा का पल्ला की कोर के अड़बा दो अन जतरा भी अड्या, वीं हाराई हव वेग्या।
अबे रूँकड़ा की जड़ा काटबा का वाते कराड़ो मेल्यो ग्यो हे। जीं रूँकड़ा हव फळ ने देई वाँने काट्या जाई अन वादी में नाक दिदो जाई।
हाराई वींके हात लगाणा छाता हा, काँके वाँकाऊँ तागत निकळन वणा हाराई ने हव करती ही।
अटा तईं के रुमाल अन हस्ताड़ा पोलुस के अड़ान, माँदा मनकाँ के अड़ाता तो वीं हव वे जाता अन हुगली आत्मा भी वाँका मूँ निकळ जाती ही।