15 ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ब्याव के टेम में जद्याँ तईं बींद आपणाँ जान्या का हाते हे तो कई वींका जान्या रोवणो-धोवणो करी? पण वीं दन जद्याँ बींदराजा ने वाँकाऊँ छेटी किदो जई, वीं टेम वीं एकाणो राकी।
अन अस्यानीस, कुई भी जूना गाबा के, नुवा गाबा मूँ फाड़न कारी ने लगावे अन कदी लगा भी दे, तो नुवा गाबा की कारी भेळी वेन जूना गाबा ने भी फाड़ दे अन वो फाट्यो गाबो ओरी हेलो फाट जावे।
थाँ एक-दूँजा की देह की मनसा ने पुरी करबा में छेटी मती रेज्यो, पण थोड़ीक टेम तईं परातना का वाते आपस का राजीपाऊँ छेटी रो अन पाच्छा एक हाते वे जावो। कटे अस्यान ने वे के, थाँका खुद ने बंस में राकबा की कमजोरीऊँ सेतान थाँकी परक करे।
में घणी मेनत किदी हे अन दुक का हाते जीवन जिदो हे। नरी दाण तो मूँ हूँ भी ने सक्यो। अन नरी दाण तो भुको-तरियो भी रियो हूँ, नरी दाण तो ठन्ड में बना गाबा के धूजतो रियो हूँ।