मूँ तो थाँने मन फेरबा का वाते पाणीऊँ बतिस्मो दूँ हूँ पण वीं ज्यो मारा केड़े आबावाळो हे, वो माराऊँ भी हेलो मोटो हे। मूँ तो वाँका पगरख्याँ का कसणा खोलबा के जोगो भी ने हूँ। वो थाँने पुवितर आत्मा अन वादीऊँ बतिस्मो देई।
काँके मूँ भी एक अस्या मोटा अदिकारी की दबियादारी में काम करूँ हूँ अन मारा रेटे भी सिपाई हे। जद्याँ मूँ एक सपईऊँ केवूँ हूँ, ‘जा’ तो वो चाल्यो जावे हे अन दूजाऊँ केवूँ, ‘आ’ तो वो आ जावे हे। मूँ मारा दासऊँ केवूँ के ‘यो कर’, तो वो वोईस काम करे हे।”