7 ईसू वणीऊँ क्यो, “मूँ वटे आन वींने हव करूँ।”
“हो परबुजी, मारो दास घर में मांदो पड़्यो हे वो लकवा में आग्यो हे, वींके घणो दुक वेरियो हे।”
ईंपे अदिकारी वींने क्यो, “हो परबुजी, मूँ अणी जोगो ने हूँ के, थाँ मारे घरे आवो, पण बेस आदेस कर देवो, तो मारो दास हव वेजई।
ईसू वाँके हाते चाल पड़्या, जद्याँ वीं वींका घरऊँ थोड़ाक छेटी हा, वणी अदिकारी आपणाँ हण्डाळ्याँ ने वींने यो केवा वाते खन्दाया के, “हो परबू, थाँ दुक मती देको, काँके मूँ अणी जोगो ने हूँ के, थाँ मारा घरे आवो।