34 तद्याँ नगर का हाराई मनक ईसुऊँ मलबा ने आया, अन वाँने देकन अरज किदी के, “माकाँ अटूँ परोजा।”
वाँकाणी ईसू ने ओळकन हाका-भार किदी अन क्यो, “हो परमेसर का पूत, थूँ माँकाऊँ कई छावे हे? कई थूँ माँने टेमऊँ पेल्याई दण्ड देबाने अटे आयो हे?”
यो देकन समोन पतरस ईसू का पगा में पड़ग्यो अन वणाऊँ क्यो, “ओ परबू, माराऊँ छेटी परा जावो, काँके में थाँकी बात पे विस्वास ने किदो, मूँ पापी मनक हूँ।”
अन हाकम आन वाँने हमजाया अन वाँने बारणे लेजान हाता-जोड़ी किदी अन वीं नगरऊँ जाबा ने क्यो।