अन ईसू वाँने आग्या दिदी, पछे वीं हुगली आत्मा वीं मनकऊँ निकळन वाँ गडूरा की टोळी में धसगी अन वाँ टोळी, जिंमें दो हजार के, लगे-भगे गडूरा हा, ज्यो मंगरा का ढाळऊँ पड़ता-गुड़ता समन्द में पड़न डुबग्या।
ईसू ने परमेसर आपणी पाक्की ओजणा अन पेली का ग्यानऊँ होच-हमजन थाँने हूँप्यो अन थाँकाणी वींने नीच मनकाँ का हाताँ में पकड़वान हूळी पे खीलाँ ठुकवान मरवा नाक्यो।