25 तद्याँ चेला वींका नके आन वाँने जगाया अन क्यो, “हो परबू, आपाँने बचावो, आपीं डुबवावाळा हा।”
अन देको, वटे एक कोड़यो मनक वाँका नके आन धोग देन क्यो, “हो परबू मूँ जाणूँ हूँ के, थाँ मारो कोड़ मटा सको हो।”
अन देको, अणाचेत की समन्द में एक अस्यी डूँज चाली के, नाव में पाणी भरबा लागो, पण ईसू तो हूरिया हा।
ईसू वाँकाऊँ या बाताँ केईसरियो हो अन एक परातना घर को मुक्यो आन वाँके आगे गोड़ टेकन अरज किदी के, “मारी नान्नीक छोरी अबाणू मरगी हे, पण थाँ चालन थाँको हात वाँका माता पे मेली दो तो वाँ पाच्छी जीवती वे जाई।”
जद्याँ वी ईसू नके आया अन वाँने नींदऊँ जगान केबा लागा, “हो परबुजी आपीं डुबरिया हा।” तद्याँ वी उठा वेन डूँज अन लेराँ ने हाँको करन तापड़ी अन वी रकगी अन च्यारूँमेर सान्ती वेगी।