1 जद्याँ ईसू मंगराऊँ रेटे उतरिया, तो एक मोटी भीड़ वाँका पाच्छे वेगी।
ईसू वणा लोगाँ की बात ने जाणन वटाऊँ पराग्या अन नरई लोग-बाग वाँका पाच्छे चालबा लागा, अन वाँकाणी वाँ हाराई ने वाँकी मांदकीऊँ हव किदा।
तद्याँ लोगाँ का टोळा का टोळा वाँका नके आया। वीं आपणाँ हण्डे लुला, लंगड़ा, आंदा, बोबड़ा अन नरई दूजाँ घणा माँदा मनकाँ ने वाँका नके लाया, अन वाँका पगाँ में नाक दिदा, अन वाँकाणी वींने हव किदा।
तद्याँ मोटी टोळी वाँका पाच्छे चालगी, अन वाँकाणी वटे माँदा ने हव किदा।
जद्याँ वीं यरीहो नगरऊँ जारिया हाँ, तो एक मोटी टोळी वाँका पाच्छे आबा लागी।
ईं वाते गलील देस, दस नगराँ को गामाँ की जगाँ जिंने दिकापुलिस केता हा, यरूसलेम, यहूदियाँ अन यरदन नंदी की पेले पाल्डे का मनकाँ की मोटी-मोटी टोळी वाँका नके आबा लागी।
काँके ईसू मनकाँ ने मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा का जस्यान ने, पण हकऊँ उपदेस देता हा।
जद्याँ ईसू आपणाँ च्यारूँमेर लोगाँ की टोळी देकी तो वाँकाणी आपणाँ चेला ने समन्द का पेली पाल्ड़े जाबा को आदेस दिदो।
अन देको, वटे एक कोड़यो मनक वाँका नके आन धोग देन क्यो, “हो परबू मूँ जाणूँ हूँ के, थाँ मारो कोड़ मटा सको हो।”
ईसू आपणाँ चेला की लारे गलील समन्द पे पराग्या, वाँका पाच्छे गलीलऊँ घणी भीड़ वेगी ही, वे यहूदियाँ,
पण, ईसू की चरचा घणी फेलबा लागी के, नरई मनक ईसू जी की बाताँ हुणबा का वाते अन मांदकीऊँ हव वेबा का वाते भेळा वेबा लागा।