6 “गण्डकड़ा का हामे पुवितर चिजाँ मती फेको अन ने हूँरा का हामे मोती वकेरो। काँके थाँ अस्यान करो तो वीं हूँर मोती ने आपणाँ पगाँ में गूंदी अन गण्डकड़ा पाच्छा फरन थाँकी पीड़ी पकड़ी।
नरी दाण तो मूँ लम्बी जातरा पे ग्यो, नरी दाण खतरनाक नन्दयाँ, जबरा डाकूँऊँ, खुद का लोगाऊँ, ज्यो यहूदी ने हा वाकाँऊँ खतरा को सामनो किदो, नरी दाण नगरा में, समन्द में, काकड़ में, दिकावटी भायाँऊँ खतरा को सामनो किदो।
थाँ होचो के, वो मनक कतरो दण्ड भोगी, जणी आपणाँ पगा का रेटे परमेसर का बेटा ने गूँन्दयो हे, अन वो वणी करार का पुवितर लुई जणीऊँ वो पुवितर किदो हो वो वींने एक अपुवितर मान्यो हे अन वणी दया करबावाळी आत्मा को भी अपमान किदो हे।
यद्याँ ईं मनक भटक जावे, तो अणाको मन फेरान पाच्छा परमेसर का गेला पे लाणा घणा अबका हे। काँके ईं परमेसर का बेटा ने आपणाँ वाते पाछो हूळी पे चड़ावे हे अन वींने परगट करन वींको अपमान करे हे।
वाँके हाते तो वस्यानीस घटी जाई जस्यान के, वणा हाँची केवता में क्यो ग्या हो के “गण्डकड़ो आपणी उल्टी का नकेईस पाछो आवे हे” अन “अस्यानीस हापड़्यो तको हूर पाच्छा कादा में लोटबा का वाते कादा में जावे हे।”
पण जादु-टोना करबावाळा, कुकरमी, हत्यारा, मूरती पुजबावाळा, अन हरेक तरियाऊँ जूट पे चालबावाळा, जूटऊँ परेम करबावाळा ईं अड़क्या गण्डकड़ा का जस्यान हे अन ईं हाराई नगरऊँ बारणे पड़्या रेई।