4 जद्याँ थारी आक्याँ में मोटो तरकल्यो हे, तो थूँ आपणाँ भईऊँ कस्यान के सके हे के, ‘आव मूँ थारी आक्याँऊँ तरकल्यो काड़ दूँ’?
हो आंदा अगुवाँ, थाँ आपणाँ पाणी मेंऊँ माछर ने तो काड़ दो हो, पण ऊँट ने खा जावो हो।
“थने आपणाँ भई की आक्याँ में फोरो तरकल्यो तो दिके हे, तो आपणी आक्याँ को मोटो तरकल्यो काँ ने दिके हे?
हे कपटी पेल्याँ आपणी आक्याँ मूँ मोटो तरकल्यो काड़ ले, तद्याँ थूँ खुद का भई की आक्याँ मूँ फोरो तरकल्या ने हुदो देकन काड़ सेकी।
जद्याँ थूँ आपणी खुद की मोटी बुरई ने ने देक सके हे तो, आपणाँ भईऊँ कई लेवा केवे के, ‘हे भई ठम, मूँ थाँरी बुरई छेटी करूँ’? अरे कपटी, पेली आपणी बुरई ने छेटी कर, पसे थूँ आपणाँ भई की बुरई सई कर सकी।”