25 अन बरका वरी अन नंदी ढावा ऊपरे आई अन डूँज चाली, अन वीं घर पे लागी, पछे भी वो घर ने हड़्यो, काँके वाँकी नीम छाँट पे बणईगी ही।
अन पतरस मूँ भी थाँराऊँ केवूँ हूँ, थाँरा नाम को मतलब छाँट हे अन मूँ अणीस छाँट पे मारी मण्डली बणाऊँ। अन मोत की तागत वींपे असर ने केरी।
“ईं वाते ज्यो कुई मारी ईं बाताँ हुणन वाँने माने हे, वो वीं अकलवाळा मनक जस्यान वेई जणी आपणो घर छाँट पे बणायो।
“पण ज्यो कुई मारी ईं बाताँ हुणे हे अन वो वाँने ने माने हे, तो वो वीं बना अकल का मनक का जस्यान वेई जणी आपणो घर रेत पे बणायो।
अन बरका वरी, अन नंदी अई, अन वीं घरऊँ टकराई अन वो हड़ीन धुळा भेलो वेग्यो।”
अन चेला ने हिम्मत देन विस्वास में बड़वा वाते धिजो बन्दाता रिया अन केता रिया के “परमेसर का राज में जाबा वाते आपाँने घणो दुक जेळणो पेड़ी।”
अन विस्वासऊँ मसी थाँका हरदा में बसे अन थाँकी जड़ा अन नीम परेम में धस जावे।
अन वींका मेंईस थाँ जड़ गाटी पकड़ीन बड़ता जावो अन थाँका जीवन का विस्वास की नीम वटेईस नाको अन हेलऊँ हेलो परमेसर ने धन्नेवाद करता रेवो।
वो मनक धन्न हे, ज्यो परक्यो जाबा की टेम में अटल रेवे हे, काँके वो परकबा का केड़े वो खरो मनक बणन, वो जीवन को मुकट पाई, जिंने परमेसर आपणाँ परेम करबावाळा ने देबा का वाते राक वादो कर मेल्यो हे।
थाँ, ज्याँने परमेसर थाँका विस्वास का जरिये आपणी तागतऊँ वीं छूटकारा का वाते बचावे हे, ज्यो आकरी टेम में परगट वेबावाळो हे।
यो ईं वाते व्यो, ताँके थाँको यो विस्वास ज्यो वादी में पाक्या तका होनाऊँ भी मुगो हे, जद्याँ परबू ईसू मसी आई, तो ईं विस्वास का वजेऊँ थाँने परमेसर का आड़ीऊँ बड़ई, मेमा अन मान मली।
मसी का दसमण आपणाँ मेंऊँस बण्या हा, पण हाँची में वीं आपणाँ हाते कोयने हे, काँके यद्याँ वीं आपणाँ हाते वेता, तो आपाँने छोड़ता कोयने। पण वणा आपाँने छोड़ दिदा जणीऊँ वीं आपाँने ओ बता सके के, वीं हाँची में आपणाँ मेंऊँ कोयने।