24 “ईं वाते ज्यो कुई मारी ईं बाताँ हुणन वाँने माने हे, वो वीं अकलवाळा मनक जस्यान वेई जणी आपणो घर छाँट पे बणायो।
काँके ज्यो कुई मारा हरग का बाप की मरजी पे चाले, वो मारो भई, मारी बेन अन मारी बई हे।”
अन पतरस मूँ भी थाँराऊँ केवूँ हूँ, थाँरा नाम को मतलब छाँट हे अन मूँ अणीस छाँट पे मारी मण्डली बणाऊँ। अन मोत की तागत वींपे असर ने केरी।
“ईं वाते होचो, विस्वास अन अकलवाळो दास कूण हे, जिंने मालिक आपणाँ नोकर अन हाळी का माते एक हाकम बणायो के, टेम-टेम पे वाँने खाणो खुवावे?
वणा छोरियाँ में पाँच अण-हमज अन पाँच हमजदार ही।
पण हमजदारा आपणाँ दिवा का हाते तेल भी हेलो लिदो।
“पण हमजदारा क्यो, ‘ने, काँके ओ माकाँ अन थाँका वाते पूरो ने वेई तो, ईं वाते हव ओ हे के, थाँ बेचबावाळा का नके जान आपणाँ वाते तेल मोल लिलो।’”
अन बरका वरी अन नंदी ढावा ऊपरे आई अन डूँज चाली, अन वीं घर पे लागी, पछे भी वो घर ने हड़्यो, काँके वाँकी नीम छाँट पे बणईगी ही।
“पण ज्यो कुई मारी ईं बाताँ हुणे हे अन वो वाँने ने माने हे, तो वो वीं बना अकल का मनक का जस्यान वेई जणी आपणो घर रेत पे बणायो।
ईंपे ईसू वींने क्यो, “हाँ, पण अणीऊँ भी हेला धन्ने हे वी, जी परमेसर की वाणी हुणे अन माने हे।”
अबे थाँ यो हाँच जाणग्यो हो अन यद्याँ थाँ अस्यान करो तो परमेसर थाँने आसीस देई।
ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “यद्याँ थाँकाणी माराऊँ परेम राको तो, तो मारी आग्या भी मानो।
यद्याँ थाँ मारी आग्या मानो, तो मारा परेम में बण्या रेवो जस्यान के, मूँ आपणाँ बाप की आग्या मानी हे अन वाँका परेम में बण्या रेवूँ हूँ।
ज्या आग्या मूँ थाँने देवूँ हूँ, यद्याँ वींने मानो तो थाँ मारा दोस्त हो।
काँके परमेसर की देकणी में नेमा ने हूणबावाळा धरमी ने हे, पण नेमा के जस्यान चालबावाळाइस धरमी ठेरिया जाई।
परमेसर ने हाँची में जाणबा का वाते एकीस गेलो हे के, आपाँ वींका आदेस ने मानाँ अन जद्याँ आपाँ अस्यान करा हाँ, तो वींने हाँची में जाण लेवा हाँ।